भिन्ड (Bhind)

उत्तरी मध्यप्रदेश मे राजस्थान और उ.प्र. राज्य की सीमाओ को छूता हुआ भिन्ड जिला है, जो कि चम्बल सम्भाग के अन्तर्गत मुरेना, दतिया, ग्वालियर, जालौन, इटावा आदि जिलो का पडोसी जिला है|
   भिन्ड जिला कभी दस्यू प्रभावित इलाका था, यहाँ के बीहडो मे डाकूओ का पनाह होता था| आज भी भिन्ड मे बंदूक चलाने वालो के शौक मे कमी नही हुई, आज भी यहाँ संख्या मे भारत की सबसे ज्यादा लायसेंसी बंदूके है| यहाँ की युवा पीढी अब सेना मे जाकर बीहडो की बजाय सरहदो पर दुशमनो के होश उडाती है|
   भौगोलिक नजर से यहाँ कि ज्यादातर भूमि समतल और उपजाऊ है, चम्बल और सिन्ध यहाँ की प्रमुख नदिया है| खेती प्रधान जिला होने के साथ साथ भिन्ड औधोगिक और पर्यटन की द्रश्टि से भी बहुत खास है|
   मालनपुर यहाँ का इंडस्ट्रियल क्षेत्र है, जहाँ पर कई अन्तराष्ट्रीय स्तर के कारखाने स्थापित है, जो उत्पादन और रोजगार के नजरिये से बहुत मायने रखते है|
   प्रशासनिक रूप से जिले को 8 तेहसीलो मे विभक्त किया गया है-:
भिन्ड, लहार, गोहद, मेहगाँव, मिहोना, रौन, अटेर और गोरमी है|
तथा जिले के अन्य कस्बो मे मौ, दबोह, अमायन, फूप, अकोडा, मछन्ड, आलमपुर भी आते है|

 

 यहाँ के पर्यटन स्थल और उनकी खासियत-:

* रावतपुरा धाम, लहार (मनोहारी मंदिर समूह और आश्रम),

* दंदरौआ धाम, मौ (प्रसिद्ध डाँक्टर हनुमान जी मंदिर),

* मिहोना (बालाजी सूर्य मंदिर),

* अटेर का किला,

* चम्बल घडियाल सफारी,

* दुलागन (प्राचीन शिवमंदिर, सुरपुरा)

* गौरी सरोवर, भिन्ड

* जैन मंदिर, वरासो मेहगाँव

* आजी माता मंदिर, अमायन

* कालका माता मंदिर, बहादुरपुरा रौन

* गोहद का किला,

* भिन्ड का किला,

* बरीबाबा हनुमान मंदिर, रौन

* कांक्सी सरकार (मंदिर स्थान) आदि, 


यातायात-:

ग्वालियर-इटावा रेललाइन पर भिन्ड स्टेशन है, तथा NH92 सड़क मार्ग से भी आप ग्वालियर या इटावा होते हुए भिन्ड शहर जा सकते है| जिले मे दो प्रमुख राजकीय मार्ग भिन्ड-मिहोना-गोपालपुरा और पोरसा-मेहगाँव-मौ-सेवढा भी है, जो यात्रा को सुगम बनाते है|




  

Comments

  1. doctor hanuman ji naam kyon padh gaya.

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  2. क्योंकि बैध की भाति प्रभु अपने दरबार मे आने वाले भक्तो के दर्द को दूर करते है |

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