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Showing posts from January, 2018

Mandu मांडू

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मांडू का पुराना नाम मांडव है, जो मध्यप्रदेश के धार जिले मे स्थित एक प्राचीन गाँव है| मांडू मालवा के पठार पर स्थित है जिसकी समुद्रतल से ऊँचाई करीब 2 हजार फीट है| मान्डव के दक्षिण दिशा मे निमाड क्षेत्र का विस्तार है| बुंदेलखंड के वीर योद्धा आल्हा ऊदल ने इसी जगह आकर युद्ध किया था, जिसे इतिहास मे माड़ौगढ की लड़ाई के नाम से जाना जाता है| 10वी सदी मे परमार वंश के शासको ने सर्वप्रथम मांडू को अपनी राजधानी बनाया था | परमार वंश के प्रतापी राजा जयवर्मन और भोजराज हुए, नीलकंठ महादेव मंदिर उसी काल का बना है | जिनमे राजा भोजराज ने मांडू से दूर अन्य जगह झीलो के किनारे अपनी नई राजधानी बनाई, जिसका बाद मे नाम भोपाल पडा |    13वी सदी मे मांडू पर मुगलो ने कब्जा कर लिया था | ग्यासुद्दीन और बाजबहादुर के काल मे यहाँ अनेक महल और किले बनवाये गये इसलिये मांडू को किलो की नगरी कहते है| बाद मे मांडव इन्दौर की मराठा रियासत के अधिपत्य मे आ गया था | दिल्ली दरवाजा, जहाँगीर दरवाजा, तारापुर दरवाजा इस नगर के प्रमुख प्रवेश द्वार है     मांडू एक छोटा सा, कम आबादी वाला विस्त्रत क्षेत्रफल मे ...

Gwalior City ग्वालियर शहर

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ग्वालियर मध्यप्रदेश राज्य का चौथा बडा महानगर है | शहर की आवादी करीब 15 लाख है | कालांतर मे गुर्जर, प्रतिहार, तोमर और कछवाह राजपूतो ने ग्वालियर को अपनी राजधानी बनाया था | 15वी सदी के समय राजा मानसिंह तोमर के राजकाल मे यहाँ संगीत को बहुत बढावा मिला | अकबर के नवरत्नो मे से एक प्रसिद्ध संगीतज्ञ तानसेन का जन्म ग्वालियर मे हुआ था | ग्वालियर पर अंतिम शासन सिंधिया मराठा राजपूतो का शासन रहा | इस काल मे ग्वालियर शहर मध्यभारत एक प्रमुख व्यवसायिक केंद्र रहा | देश की आजादी के बाद नये राज्य मध्यभारत का उदय हुआ तब 1947 मे ग्वालियर इसकी राजधानी बना | इस शहर मे आपको अनेक प्राचीन मंदिर, स्मारक, महल और किला देखने को मिल जायेंगे | गालव ऋषि के नाम पर इस स्थान का नाम ग्वालियर पडा | आज यह एक आधुनिक, औधोगिक और पर्यटन शहर है |                          मानसिंह पैलेस *TOUR -: (1) Maansingh Palace = मानसिंह पैलेस यानि राजा मानसिंह तोमर द्वारा निर्मित यह महल गोपाचल पर्वत पर स्थित है | इस जगह से आप आधे शहर का नजारा देख सकते है | इसका ...