Gwalior City ग्वालियर शहर
- ग्वालियर मध्यप्रदेश राज्य का चौथा बडा महानगर है | शहर की आवादी करीब 15 लाख है | कालांतर मे गुर्जर, प्रतिहार, तोमर और कछवाह राजपूतो ने ग्वालियर को अपनी राजधानी बनाया था | 15वी सदी के समय राजा मानसिंह तोमर के राजकाल मे यहाँ संगीत को बहुत बढावा मिला | अकबर के नवरत्नो मे से एक प्रसिद्ध संगीतज्ञ तानसेन का जन्म ग्वालियर मे हुआ था | ग्वालियर पर अंतिम शासन सिंधिया मराठा राजपूतो का शासन रहा | इस काल मे ग्वालियर शहर मध्यभारत एक प्रमुख व्यवसायिक केंद्र रहा | देश की आजादी के बाद नये राज्य मध्यभारत का उदय हुआ तब 1947 मे ग्वालियर इसकी राजधानी बना | इस शहर मे आपको अनेक प्राचीन मंदिर, स्मारक, महल और किला देखने को मिल जायेंगे | गालव ऋषि के नाम पर इस स्थान का नाम ग्वालियर पडा | आज यह एक आधुनिक, औधोगिक और पर्यटन शहर है |
मानसिंह पैलेस
*TOUR -:
(1) Maansingh Palace =
मानसिंह पैलेस यानि राजा मानसिंह तोमर द्वारा निर्मित यह महल गोपाचल पर्वत पर स्थित है | इस जगह से आप आधे शहर का नजारा देख सकते है | इसका दूसरा नाम मानमंदिर किला भी है, यह किला संपूर्ण मध्यप्रदेश मे सबसे बडा किला है | जहाँ पहुँचने के लिये दो रास्ते है | पहला- उरवाई गेट बहोडापुर होते हुए और दूसरा- किला गेट हजीरा होते हुए | यहाँ आकर आप संग्रहालय, बाबडी, कर्णसिंह पैलेस, जौहर कुंड, शिवमंदिर आदि भी देख सकते है |
(2) Gujari Palace =
गूजरी महल का निर्माण राजा मानसिंह ने अपनी प्रिय प्रेमिका गुर्जरी रानी म्रगनयनी के लिये करवाया था | यह चौकोर महल गोपाचल पर्वत की तलहटी मे मानसिंह पैलेस के किला गेट वाले रास्ते मे दाईतरफ बना है | इसके आंतरिक भाग मे संग्रहालय बना है और छत पर जाकर आप प्राचीन शैल मूर्तिया देख सकते है |
(3) Saasbahu ka mandir =
गोपाचल पर्वत पर मानसिंह पैलेस से 2km दूर भगवान विष्नु का सहस्त्रबाहु मंदिर बना है, जिसे आम लोग अब सासबहु का मंदिर कहते है | यह मंदिर देखने मे बहुत आकर्षित करता है, हालांकि अब यहाँ भगवान की मूर्ति नही है |
(4) Teli ka mandir =
गुरूद्वारा के पास गोपाचल पर्वत पर प्रतिहार राजा के सेनापति तेल्प द्वारा निर्मित 100फुट ऊँचा द्रविड़ शैली मे बना पत्थरो का मंदिर है | जिसे तेली का मंदिर कहते है|
(5) Tansen tomb =
महान संगीत सम्राट और अकबर के नवरत्न मे से एक तानसेन जी का मकबरा चौकोर आकार मे पत्थरो से निर्मित है, इसकी खास बनावट की शैल जालिया बहुत आकर्षित है | प्रतिवर्ष जनवरी के आसपास तानसेन जी की याद मे मध्यप्रदेश सरकार यहाँ संगीत समारोह आयोजित करती है |
(6) Jayvilas Palace =
सिंधिया राजवंश का निवास स्थान जयविलास पैलेस विशाल आकार का 400 कमरो वाला सफेद रंग का मनमोहक महल है | इसके चारो तरफ गार्डन है और इस महल को राजकीय संग्रहालय मे तब्दील कर दिया गया है | यह महल ग्वालियर शहर के बीच जयेन्द्रगंज मे स्थित है| यहाँ आप प्राचीन कालीन सिंधिया राजवंश से जुडी अनमोल चीजे देख सकते है जिनमे बंदूके, तलवार, ढाल, वर्तन, फर्नीचर, फोन, कपडे, मूर्तिया, झूमर, तोपे, बग्गी, रथ, पालकी आदि प्रमुख है | इसी वंश की कुछ प्रसिद्ध हस्तिया - जीवाजीराव, माधवराव सिंधिया, ज्योतिरादित्य, विजयाराजे, वसुंधराराजे, यशोधराराजे सिंधिया है |
(7) Sun Temple =
बिरला द्वारा निर्मित यह भव्य लाल पत्थरो से निर्मित प्रभु सूर्यदेव को समर्पित मंदिर शहर के मोरार मे बना है | इस मंदिर की बनावट कोणार्क के सूर्यमंदिर से प्रेरित है |
(8) Rani Laxmibai ki Samadhi =
सन 1857 की क्रांति की महानायिका और वीरांगना झाँसी की रानी की समाधि शहर के फूलबाग मे स्वर्णरेखा नाले के किनारे स्थित है | मैदान मे समाधि के सामने घोडे पर तलवार लिये बैठी हुई रानी की आदमकद मूर्ति भी बनी है | इस स्थान पर आकर आप खुद को गौरांवित महसूस करेंगे |
(9) Achaleshwar Mandir =
अचलेश्वर महादेव मंदिर शहर का प्रमुख धार्मिक स्थान है, यहाँ शिवरात्री पर भारी भीड़ होती है | यहाँ आकर आप कटोरा ताल और छत्रीमैदान मंदिर भी घूम सकते है |
(10) Phoolbag =
शहर के मध्य प्रसिद्ध फूलबाग स्थित है, यहाँ आकर आप चिडियाघर, गोपाल मंदिर, जामा मस्जिद, डीडी माँल, गांधी पार्क, संग्रहालय, चौपाटी, बारादरी, स्वर्णरेखा नदी देख और घूम सकते है | इस स्थान पर आपको एक साथ बहुत सारी खास जगहे देखने को मिल जायेगी |
(11) Gwalior MeLa =
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