"बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ"
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"बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ" का मुख्य उद्देश्य लिंग आधारित भेदभाव को समाप्त करना है ताकि समाज में महिलाओं को समानता का भाव मिले। तथा बेटियों की शिक्षा पर जोर देकर बालिकाओं को रोजगार प्रदान करना और कार्यकुशलता में उनकी भागीदारी बढ़ाना है। ताकि महिलाओं के आत्मबल के आधार पर वे स्वयं सशक्त हो सके। इसी क्रम में ही छात्राओं की पढ़ाई के लिए देश के हर जिले में कुछ कन्या स्कूल और महाविद्यालय खोले गए है और उनके आवास व्यवस्था हेतु कुछ आवासीय विद्यालय भी संचालित है। सरकार भी बेटियों की पढ़ाई का सुचारू रूप से प्रबंध कर रही है और उनकी सुरक्षा को देखते हुए नए कानून भी पारित कर चुकी है। मध्यप्रदेश में सबसे कम लिंगानुपात वाले चम्बल संभाग में सरकार द्वारा दहेज प्रथा की कुरीति को खत्म करवाने हेतु जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके साथ ही भिंड मुरैना श्योपुर जैसे अति पिछड़े जिलों में चुनिंदा गर्ल्स स्कूल खोले गए है ताकि बालिकाये शिक्षित होकर भावी समाज की समझदार महिलाएं बन सके।