MadhyaPradesh is the Second Area wise Largest State of India. It is Situated at Central in India. How many Forest centuary and Historical place are in MP. Bhopal is the Capital and Indore, Jabalpur, Gwalior and Ujjain are Muncipal City of MP state.
Shivpuri District म.प्र. के उत्तर पश्चिम दिशा में ग्वालियर संभाग के अंतर्गत शिवपुरी जिला है| जिसकी सीमा झाँसी (उ.प्र.) और कोटा (राजस्थान) को छूती है| इसके पड़ोसी जिलो मे दतिया, ग्वालियर, श्योपुर, गुना, अशोकनगर आदि (म.प्र.) के जिले है| शिवपुरी जिले को 9 तहसीलो और 5 विधानसभा क्षेत्रो मे बाँटा गया है| 20 लाख की आवादी वाले शिवपुरी जिले मे प्रकृति की अनुपम छटा बिखरी हुई है| अगर आपको वन, पहाड़, झरने, डैम, किले, मंदिर, म्यूजियम आदि के दर्शन एक बार मे ही एक जगह करने हो तो शिवपुरी से बेहत्तर कोई भी स्थान नही हो सकता| अपार पर्यटन की संभावनाओ की बजह से शिवपुरी को मध्यप्रदेश राज्य की पहली पर्यटन नगरी का गौरव प्राप्त है| शिवपुरी के अनुकूल मौसम और सुंदरता की बजह से ग्वालियर रियासत के सिंधिया शासको ने शिवपुरी को अपनी ग्रीष्म कालीन राज़धानी बनाया था| आज भी यहां आपको सिंधिया वंश से जुड़ी यादे देखने को मिलेगी| जिनमे उस काल के मंदिर, महल और छतरियाँ प्रमुख है| शिव जी के मंदिर अधिक होने से इस शहर का नाम सीपरी से शिवपुरी पड़ा| ...
मांडू का पुराना नाम मांडव है, जो मध्यप्रदेश के धार जिले मे स्थित एक प्राचीन गाँव है| मांडू मालवा के पठार पर स्थित है जिसकी समुद्रतल से ऊँचाई करीब 2 हजार फीट है| मान्डव के दक्षिण दिशा मे निमाड क्षेत्र का विस्तार है| बुंदेलखंड के वीर योद्धा आल्हा ऊदल ने इसी जगह आकर युद्ध किया था, जिसे इतिहास मे माड़ौगढ की लड़ाई के नाम से जाना जाता है| 10वी सदी मे परमार वंश के शासको ने सर्वप्रथम मांडू को अपनी राजधानी बनाया था | परमार वंश के प्रतापी राजा जयवर्मन और भोजराज हुए, नीलकंठ महादेव मंदिर उसी काल का बना है | जिनमे राजा भोजराज ने मांडू से दूर अन्य जगह झीलो के किनारे अपनी नई राजधानी बनाई, जिसका बाद मे नाम भोपाल पडा | 13वी सदी मे मांडू पर मुगलो ने कब्जा कर लिया था | ग्यासुद्दीन और बाजबहादुर के काल मे यहाँ अनेक महल और किले बनवाये गये इसलिये मांडू को किलो की नगरी कहते है| बाद मे मांडव इन्दौर की मराठा रियासत के अधिपत्य मे आ गया था | दिल्ली दरवाजा, जहाँगीर दरवाजा, तारापुर दरवाजा इस नगर के प्रमुख प्रवेश द्वार है मांडू एक छोटा सा, कम आबादी वाला विस्त्रत क्षेत्रफल मे ...
उत्तरी मध्यप्रदेश मे राजस्थान और उ.प्र. राज्य की सीमाओ को छूता हुआ भिन्ड जिला है, जो कि चम्बल सम्भाग के अन्तर्गत मुरेना, दतिया, ग्वालियर, जालौन, इटावा आदि जिलो का पडोसी जिला है| भिन्ड जिला कभी दस्यू प्रभावित इलाका था, यहाँ के बीहडो मे डाकूओ का पनाह होता था| आज भी भिन्ड मे बंदूक चलाने वालो के शौक मे कमी नही हुई, आज भी यहाँ संख्या मे भारत की सबसे ज्यादा लायसेंसी बंदूके है| यहाँ की युवा पीढी अब सेना मे जाकर बीहडो की बजाय सरहदो पर दुशमनो के होश उडाती है| भौगोलिक नजर से यहाँ कि ज्यादातर भूमि समतल और उपजाऊ है, चम्बल और सिन्ध यहाँ की प्रमुख नदिया है| खेती प्रधान जिला होने के साथ साथ भिन्ड औधोगिक और पर्यटन की द्रश्टि से भी बहुत खास है| मालनपुर यहाँ का इंडस्ट्रियल क्षेत्र है, जहाँ पर कई अन्तराष्ट्रीय स्तर के कारखाने स्थापित है, जो उत्पादन और रोजगार के नजरिये से बहुत मायने रखते है| प्रशासनिक रूप से जिले को 8 तेहसीलो मे विभक्त किया गया है-: भिन्ड, लहार, गोहद, मेहगाँव, मिहोना, रौन, अटेर और गोरमी है| तथा जिले के अन्य कस्बो मे मौ, दबोह, अमायन,...
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