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Bhedaghat भेड़ाघाट

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जबलपुर शहर के पास करीब 20km दूरी पर भेड़ाघाट एक रमणीय प्राक्रतिक स्थान है, जो नर्मदा नदी के किनारे स्थित छोटा सा गाँव है| मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी और सबसे बड़ी नदी नर्मदा जी अपनी यात्रा के अगले चरण भेड़ाघाट मे आकर संगमरमर की खूबसूरत चट्टानो के बीच बहती हुई झरने के रूप मे खूबसूरत द्रश्य आलौकित करती है| तो यहाँ के वातावरण और नदी किनारो को देखकर पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाता है| भेड़ाघाट की खूबसूरती से प्रभावित होकर अनेको फिल्मो की शूटिंग यहाँ की खास लोकेशन पर हो चुकी है| भेड़ाघाट न केवल जबलपुर जिले का बल्कि पूरे प्रदेश का एक प्रमुख टूरिस्ट प्लेस है| देश- विदेश से बहुत संख्या मे पर्यटक भेड़ाघाट पहुँचते है| यहाँ आप रोपवे द्वारा नदी के ऊपर से गुजरते हुए मनमोहक नजारा देखते हुए एक किनारे से दूसरे किनारे तक भी जा सकते है| (1) DhuAadhar Waterfall = नर्मदा नदी जिस स्थान पर आकर भेड़ाघाट मे जलप्रपात का रूप लेती है, वह धुँआधार झरना कहलाता है| मार्वल रोक्स के बीच बहती हुई नर्मदा नदी की जलधारा झरने के स्वरूप मे यहाँ बौछारो को उत्पन्न करती है तो यहाँ धुँआ सा द्रश्य प्रतीत होता है| (2) Cho

MUSIC KING: TANSEN

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तान दे जो मस्त धुनो की गान, ग्वालियर दरबार की बनी शान, बेहट का बढाया देश मे मान, संगीत मे बसती थी इनकी जान.

Sanchi (साँची)

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सांची, भोपाल - विदिशा रेलखंड पर स्थित है। सड़क मार्ग या रेल से सांची स्तूप को देख सकते हैं जो अत्यधिक हरियाली के बीच स्पष्ट दिखाई पड़ता है। यह स्तूप पहाड़ी पर स्थित है। सम्राट अशोक ने इन स्तूपो को बनवाया था, जो बौद्ध धर्म का प्रवर्तक स्थान कहा जा सकता है। यह स्थान पवित्र माना जाता था कि इनमें से अनेक भिक्षु यहीं रहना चाहते थे। आज यह स्थान विश्व धरोहर सूची मे शामिल है, सांची मध्यप्रदेश के रायसेन जिले मे है |

Orchha (ओरछा)

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भगवान श्री राम का मंदिर ओरछा की पहिचान है, जिसकी वजह से आज ओरछा एक जाना पहिचाना पर्यटन स्थल है !    टीकमगड़ जिले मे बेतवा नदी के किनारे श्री राम प्रभु का भव्य मंदिर बना है ! इसका निर्माण रानी अहिल्याबाई जी ने करवाया था ! यह मंदिर देश मे श्री राम जी के बडे मंदिरो मे से एक है ! यहाँ आरती के समय बंदूकधारी जवानो द्वारा प्रभु को सलामी देने का रिवाज है !  नदी के किनारे यहाँ भव्य इतिहासिक महल बना है, जो बुन्देला राजवंश की सत्ता का परिचायक है! इस पैलेस का नाम शीशमहल है जो आज शासकीय धरोहर है |   झाँसी और ग्वालियर से ओरछा जाने आने के लिये नियमित बस सेवा है !

BHOJPUR (भोजपुर )

भोजपुर एक धार्मिक स्थल है, जो अपने शिवमंदिर के लिये विख्यात है! यह भोपाल शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर है जहाँ टैक्सी या बस सेवा के माध्यम से जाया जा सकता है !   भोजपुर के प्राचीन शिवमंदिर मे दुनिया का सबसे विशाल शिवलिंग है तथा यहाँ का प्राक्रतिक सौंदर्य अद्भुत है !