सतना SATNA

सतना विंध्य पर्वत माला के बघेलखंड क्षेत्र में रीवा संभाग के अंतर्गत आने वाला जिला है| सतना जिला सीमेंट, चूना और बीड़ी उद्योग में काफी आगे है| साथ ही इस जिले का चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय और अलाउद्दीन संगीत अकादमी अपनी अलग पहिचान रखता है| सतना के पड़ोसी जिलो में मध्य प्रदेश के रीवा, कटनी, उमरिया, शहडोल, सीधी, पन्ना और उत्तर प्रदेश का बाँदा जिला पड़ता है| सतना जिला अपने भौगोलिक स्थान यानि विंध्य श्रेणी के प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटको को अपनी ओर बरबस ही खीचता है|

जिले की धरा पर बहने वाली नदियों मे सोन, टोस, सत्ना और पासुनी नदिया प्रमुख है| सतना जिले को 10 तहसीलो में वर्गीक्रत किया गया है -
नागौद, रामपुर बघेलन, बीरसिंहपुर, मईहर, अमरपाटन, मझगवा, उचेहरा, कोटर, सतना और रामनगर |


* TOURIST PLACE :-


● चित्रकूट -

एक पवित्र, धार्मिक स्थल जहाँ प्रभु श्री राम ने वनवास के कई साल सीता जी और भाई लक्ष्मण के साथ इसी चित्रकूट के वन में रहकर बिताए थे| चित्रकूट के घने जंगल, घाटिया, पहाड़, झरने, नदिया और मंदिर श्रद्धालुओ की जिज्ञासा का हमेशा केन्द्र रहा है| चित्रकूट में कामदगिरि पर्वत, गुप्त गोदावरी गुफा, सती अनुसुइयाँ आश्रम, लक्ष्मण पहाड़ी, हनुमान धारा, रामघाट, जानकी कुंड आदि प्रसिद्ध जगह है| राम नवमी और दीपावली के समय चित्रकूट में मेला लगता है| 
चित्रकूट के नजदीक का रेलवे स्टेशन कर्वी में है, जो चित्रकूट से 9km दूरी पर झाँसी-इलाहाबाद लाइन का स्टेशन है|
                              (chitrakoot)
बस द्वारा सतना से चित्रकूट की दूरी करीब 80km है|
चित्रकूट में ठहरने के लिए अनेको धर्म शालाएँ और होटल है|

● मैहर -

इस कस्बे में शारदा माता का प्रसिद्ध मंदिर त्रिकूट पर्वत के शिखर पर स्थित है, यह स्थान प्रमुख देवी शक्ति पीठों में से एक है| नवरात्रि के समय मैहर में बहुत श्रद्धालु आते है| सतना से मैहर सड़क मार्ग से 40km दूरी पर है|


● माधवगढ़ फोर्ट -

एनएच-75 पर जिले का यह खूबसूरत किला है जो एक नदी किनारे बनाया गया था| बरसात के समय यहां ज़्यादा लोग आते है|


● मुकुंदपुर सफ़ारी -

यह वन्य प्राणियो का आश्रय स्थल है, मुकुंदपुर विशेष कर सफ़ेद टाइगर के लिए संरक्षित किया गया है| यह सेमरिया-पतेहरा मार्ग पर है|

● धारकुंडी -

प्राकृतिक नज़ारों के लिए धारकुंडी अच्छा विकल्प है, जहाँ पहाड़ों से बहती हुई जलधारा एक तालाब का रूप लेती है| धार कुंडी की वादियों मे शैल चित्र और उड़ते पक्षियों को देखना मज़ेदार लगता है| सतना से धारकुंडी 55 km दूर है| जबकि धारकुंडी में ठहरने के लिए परमहंस आश्रम एक विकल्प है | 

● रामनगर -

रामनगर तहसील में वाणसागर और सरसी टापू तक जाने का अनुभव पानी के बीच वोटिंग करते हुए अच्छा ज़रूर लगेगा | 

● वीरसिंहपुर -

गैवीनाथ महादेव मंदिर और सुतीक्षण आश्रम बीरसिंहपुर कस्बे के प्रमुख पर्यटन स्थान है| शिवरात्रि के दिन बीरसिंहपुर में मेला लगता है | 

● भरहुत -

बौद्ध स्तूपों के लिए भरहुत जाना जाता है, हालाँकि अब ज़्यादातर स्तूप जीर्ण अवस्था में है| 

● अन्य स्थान -

कूठना मंदिर (नागौद), शिव मंदिर (उचेहरा) आदि!


* Weather -

मौसम के हिसाब से सतना जिले की सैर के लिए अगस्त से फरवरी तक का समय उपयुक्त रहता है| जबकि रामनवमी पर चित्रकूट में ज़्यादा भीड़ रहती है |


* Travels -

सतना जाने के लिए जबलपुर और इलाहाबाद से सीधी रेल सेवा है| जबकि चित्रकूट जाने के लिए कर्वी स्टेशन उतरे जो झाँसी - इलाहाबाद के बीच का छोटा सा स्टेशन है| सतना, मईहर और चित्रकूट आदि खास जगहों के लिए आसपास के ज़िलो से बस सेवा भी है | 


* Hotel -

सतना शहर, चित्रकूट और मैहर में हर बजट के होटल और धर्मशालाएँ उपलब्ध हो जाते है| मंदाकिनी रिजोर्ट (चित्रकूट) में एमपी पर्यटन का होटल है|

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