उज्जैन (Ujjain)
भगवान महाकाल 'शिव जी' की नगरी उज्जैन का प्राचीन नाम अवन्तिका है, जो 16 प्रमुख जनपदो मे से एक थी| मध्यप्रदेश राज्य के प्रमुख धार्मिक नगर उज्जैन मे महाकाल शिव प्रभु का दक्षिणामुखी ज्योतिर्लिंग है, जहाँ सुबह भस्मारती होती है| मंदिर के पीछे, हरसिद्धि माता मंदिर की तरफ बड़ा तालाब है तथा उज्जैन मे क्षिप्रा नदी पर सिंहस्थ कुम्भ मेला लगता है| उज्जैन से कर्करेखा होकर गुजरती है इसलिये प्राचीन काल मेसमय गणना हेतु यहाँ वैधशाला की स्थापना की गई थी|
उज्जैन के प्रमुख शासको मे राजा विक्रमादित्य और सम्राट अशोक का नाम पहले आता है| काल गणना हेतु विक्रम सम्बत की शुरूआत और रचना महाराजा विक्रमादित्य के पुण्य करमो का ही फल है| अवन्तिका यानि उज्जैन मे संस्कृत के ग्याता और प्रसिद्ध कवि कालिदास का जन्म हुआ था, तभी तो इसका चौथा नाम कालिदास नगरी है|
उज्जैन के अन्य दर्शनीय स्थल-:
* भैरवनाथ मंदिर (यहाँ प्रसाद के साथ मदिरा भी चढाई जाती है),
* भत्रहरि गुफा,
* गड़कालिका मंदिर,
* मंगलनाथ मंदिर (मंगल ग्रह की दशा और शांति के लिये भक्त आते है),
* चिंतामण गणेश मंदिर,
* गोपाल मंदिर आदि,
यातायात-:
इन्दौर, भोपाल से उज्जैन के लिये नियमित चार्टड बस सेवा तथा ग्वालियर, जबलपुर से रेलसेवा है|
यहाँ का नजदीकतम हवाईअड्डा इन्दौर मे है|
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